वर्गीय (जेनेरिक) अंतराल
योजना के विकास के लिए लॉजिकल प्रोसेस फ्लो
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प्रस्ताव के द्वारा किसी शहर की गुणात्मक (एसडब्ल्यूओटी) और मात्रात्मक (स्व-मूल्यांकन) व्याख्या कैसे की जाती है?
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प्रस्ताव शहर की विद्यमान रूपरेखा को इसके भावी विज़न के साथ कैसे आमेलित करता है?
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नागरिकों के प्रति वचनबद्धता में कितनी गहराई (योजनागत मुद्दे, विज़न, हल, बजट व्यवस्था) और कितनी व्यापकता (महिला, बुजुर्ग, युवा, बच्चे, शारीरिक रुप से अशक्त इत्यादि) है? इसके परिमाण निर्धारित करने की आवश्यकता है।
नीतियां और परियोजनाएं
(क्षेत्रफल आधारित विकास + पैन सिटी सोल्यूशन)
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क्षेत्रफल का चयन- चयन करने की प्रक्रिया, क्या साइट द्वारा नवीनीकरण और प्रतिकृति का अवसर प्रदान किया जाता है। शहर के विद्यमान भौतिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय ढांचे के अंतर को हरित क्षेत्र स्थल से कैसे भरा जा सकता है?
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स्थल के संदर्भ में अनुक्रिया- विभिन्न विरासत, सांस्कृतिक, भौतिक और पारिस्थितिक परिसंपत्तियों की समृद्धि और सृजनात्मक अनुक्रिया।
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शहर की पहचान- प्रस्तावों के माध्यम से विरासत, विशिष्ट अर्थव्यवस्था अथवा उद्योग के संदर्भ में शहर की पहचान का अन्वेषण और विस्तार।
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एक लाइटहाउस प्रोजेक्ट के रूप में शहर में एरिया-वाइज़ इम्पेक्ट जनरेट करने की क्षमता। इम्पेक्ट मात्रात्मक और गुणात्मक दोनों होने चाहिए।
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मिशन के दिशानिर्देशों में उल्लिखित स्मार्ट सिटी के पहलुओं के हस्तक्षेपों का प्रदर्शनः
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'गैर-नियोजित' क्षेत्रों के लिए योजना और मिश्रित भूमि के उपयोग को बढ़ावा देना।
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खुले स्थलों और सार्वजनिक स्थलों का विकास और संरक्षण।
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अंतर्वेशन – स्टेकहोल्डरों जैसे शहरी निर्धन, बच्चों, बुजुर्गों और अशक्त व्यक्तियों को होने वाले नुकसानों का हल करना।
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एनएमटी संभावनाओं का अन्वेषण – डीसीआर बदलावों, एडवोकेसी, आईटीएस, संस्थागत बाध्यताओं (शहर में पैदलपथ/साइकिलों के लिए प्लान) इत्यादि सहित पैदल और साइकिल अहातों तथा संबद्ध ढांचों का निर्माण।
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शहरी गतिशीलता – टीओडी को जन स्थानांतरण, जन परिवहन (विशेषकर हरितभूमि प्रस्तावों हेतु) और अंतिम मील तक कनेक्टिविटी को शामिल करना होगा।
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कूड़े-करकट तथा गंदे पानी की रिसाइकलिंग पर ध्यान सहित पर्याप्त और सुनिश्चित मूलभूत सेवाएं।
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चहुंमुखी दक्षता में सुधार के लिए सेवाओं हेतु स्मार्ट सोल्यूशंस (आईटी सहित) लागू करना।
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नागरिकों के अनुकूल और कॉस्ट इफेक्टिव गवर्नेंस।
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सामाजिक ढांचा (स्वास्थ्य और शिक्षा)।
क्रियान्वयन योजना
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एक सशक्त मिटिगेशन और एडवोकेसी/आउटरीच प्लान के साथ-साथ समस्त वित्तीय, राजनीतिक और नीतिगत/नियमाक जोखिमों की पहचान।
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सभी संभावित भूमि और न्यायाधिकार क्षेत्र संबंधी मामलों पर सुस्पष्टता और सुनिश्चितता। समय-सीमाओं का पर्याप्त और विस्तृत अनुमान– मिशन की अवधि के भीतर स्पष्टतया लागू हो जाना चाहिए।
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प्रस्तावित एसपीवी का अनुपालन और दिशानिर्देशों के साथ क्रियान्वयन संबंधी ढांचा।
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विभिन्न अभिमुखी और अन्य प्रस्तावित सार्वजनिक/निजी सहयोग के लिए वार्तालापों/करारों का स्तर।
वित्तीय योजना
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प्रत्यक्ष और संबद्ध लागतों का पर्याप्त और विस्तृत अनुमान (निर्माण कार्य आदि के दौरान ओवरहेड्स, ब्याज आदि)।
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पब्लिक प्रार्इवेट पार्टनरशिप, बाजार उधारियों इत्यादि के माध्यम से लीवरेज की सीमा।
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लीवरेज प्लान की व्यवहार्यता के साथ-साथ वर्तमान वित्तीय स्थिति, क्रेडिट रेटिंग, गत वर्षों में हुए सुधार और उन्नति आदि।
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समस्त राजस्व अवसरों– भूमि आधुनिकीकरण, वैल्यू कैप्चर, करों में वृद्धि आदि का किस सीमा तक अन्वेषण किया जाता है।
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राजस्व अनुमानों और उनके वापसी भुगतान की योजना की पर्याप्तता।
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प्रस्तावित विकल्पों की रोबस्टनेस और फॉलबैक की विश्वसनीयता।
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हरितक्षेत्र प्रस्तावों के लिए कन्वर्जेंस कठिन होता है, जब तक कि इनके समर्थन में अनुमोदनों (एएमआरयूटी, आईपीडीएस आदि) को दर्शाते दस्तावेज संलग्न न किए जाते हों।
प्रस्तावों और दावों की विश्वसनीयता
(समर्थित दस्तावेज की उपलब्धता)
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मिशनों के साथ कन्वर्जेंस और अन्य विभागों के साथ समन्वय।
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क्रियान्वयन संबंधी व्यवस्थाएं (एसपीवी, शक्तियों का प्रत्यायोजन)।
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भूमि और वित्तीय प्रतिबद्धताएं।