भारत सरकार
पहला प्रश्न है कि 'स्मार्ट सिटी' से क्या मतलब है। इसका उत्तर यह है कि स्मार्ट सिटी की ऐसी कोई परिभाषा नहीं है जिसे सर्वत्र स्वीकार किया जाता है। अलग-अलग लोगों के लिए इसका आशय अलग-अलग होता है। अतः स्मार्ट सिटी की संकल्पना, शहर-दर-शहर और देश-दर-देश भिन्न होती है जो विकास के स्तर, परिवर्तन और सुधार की इच्छा, शहर के निवासियों के संसाधनों और उनकी आकांक्षाओं पर निर्भर करता है। ऐसे में, स्मार्ट सिटी का भारत में अलग अर्थ होगा, जैसे कि यूरोप से। भारत में भी स्मार्ट सिटी को परिभाषित करने का कोई एक तरीका है।
इस मिशन में शहरों के मार्गदर्शन करने के लिए कुछ पारिभाषिक सीमाएं अपेक्षित हैं। भारत में किसी भी शहर निवासी की कल्पना में, स्मार्ट शहर तस्वीर में ऐसी अवसंरचना एवं सेवाओं की अभीष्ट सूची होती है जो उसकी आकांक्षा के स्तर को वर्णित करती है। नागरिकों की आकांक्षाओं और जरूरतों को पूरा करने के लिए, शहरी योजनाकार को लक्ष्य आदर्श तौर पर पूरे शहरी पारिस्थितिकी तंत्र का इस प्रकार विकास करना होता है, जो व्यापक विकास के चार स्तंभों-संस्थागत, भौतिक, सामाजिक और आर्थिक अवसंरचना में दिखाई देता है। यह दीर्घावधिक लक्ष्य हो सकता है और शहर ‘स्मार्टनेस’ की परते जोड़ते हुए संवर्धित रूप से ऐसी व्यापक अवसंरचना तैयार करने की दिशा में कार्य कर सकते हैं।
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पृष्ठ आखरी अपडेट : 14-02-2017